How to make website and make money
How to make website and earn money/वेबसाइट फ्री मे घर बैठे अपने मोबाइल से कैसे बनाए :-
इंटरनेट के विकास से दुनिया में नई सुचना क्रांति की शुरुवात हो गई है. वेबसाइटआज हमारी जिंदिगी का अभिनं अंग बन गया है।
अपनी एक वेबसाइट की जरुरत आजकल सबको लगती है, लेकिन
इसके विकास की प्रक्रिया क़ी जानकरी ना होना हमें डराता है। तकनीकी विकास के कारण वेबसाइटबनाने में पैसा भी अब बहुत कम लगता है।
इसके विकास की प्रक्रिया क़ी जानकरी ना होना हमें डराता है। तकनीकी विकास के कारण वेबसाइटबनाने में पैसा भी अब बहुत कम लगता है।
वेबसाइट बनाने में पाच चरण मुख्य हैं:
- नाम पंजीकृत करना (Domain Name Registration)
- जगह लेना (Website Hosting)
- वेबसाइट या पपने बनाना (Website Development)
- वेबसाइट का प्रचार (Website Promotion)
- वेबसाइट का रख-रखाव (Website Maintenance)
नाम पंजीकृत करना (Domain Name Registration)
नाम पंजीकृत कराना इसका पहला स्तर है. ये वो नाम है जिससे आपकी वेबसाइट जानी जायगी और लोग इसको एड्रेस बार मैं टाइप करके खोलेंगे.
वेबसाइट नाम के मुख्य प्रकार:
.com: ये व्यावसायिक वेबसाइट के लिए इस्तमाल होता है.
उदहारण के लिए
google.com, yahoo.com, facebook.com इत्यादि
उदहारण के लिए
google.com, yahoo.com, facebook.com इत्यादि
.org: ये लाभ-निरपेक्ष वेबसाइट के लिए इस्तमाल होता है.
दूसरे शब्दों में वो संस्था जिसका मक्सद मुनाफा नहीं है. उदहारण के लिए ट्रस्ट, सोसाइटी, इत्यादि
दूसरे शब्दों में वो संस्था जिसका मक्सद मुनाफा नहीं है. उदहारण के लिए ट्रस्ट, सोसाइटी, इत्यादि
.co: सहकारिता (Cooperation) वेबसाइट के लिए इस्तेमाल होता है.
.biz: ये व्यापारिक संस्थान की वेबसाइट के लिए इस्तमाल होता है.
.in: देश के लिए खास नाम एक नयी कणी है. .in भारत के लिए इस्तेमाल होता है.
इसको आप .com, .org या िकसी और नाम के साथ भी जोड़ सकते है. उदहारण के लिए .co.in, .org.in इत्यादि
इसको आप .com, .org या िकसी और नाम के साथ भी जोड़ सकते है. उदहारण के लिए .co.in, .org.in इत्यादि
.com और .org सबसे जयादा इस्तेमाल होते है.
वेबसाइट का नाम पंजीकृत करने की कीमत ३०० से शुरू हो जाती है. ये शुल्कहर साल देना होता है. मैं ये ही सलाह दूँगा की आप एक साथ एक से अधिकवर्षो के लिए पंजीकृत करा ले.
जगह लेना (Website Hosting)
ये वैसे ही है जैसे दफ्तर के लिए जगह किराये पर लेना. आपको अपनी वेबसाइट के पंनो के लिए डाटा सेंटर के कंप्यूटर में जगह लेनी होती है. अपनी जरुरत के मुतािबक आप िजतनी जगह चाहे ले सकते है १० mb या 2 GB और अगर आपकी वेबसाइट बहुत बड़ी है तो आप एक पूरा कंप्यूटर ही किराये पर ले सकते है (Dedicated Hosting)
होस्टिंग दो तरीके की होती है – विंडोस (Windows) या लिनुक्स (Linux). साधारण वेबसाइट में इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ता लेिकन बड़ी या जटील वेबसाइट के लिया जगह लेते वक्त इसका बहुत धयान रखना पड़ता है.
नाम पंजीकृत करने और जगह लेने के लिए बहुत कंपनीया है. इनमे से कुछ मुख्य ये है:-
नेट४इडिंया (Net4India): http://www.net4.in
स्पेक्ट्रानेट (Spectranet): http://www.spectranet.in
रीडिफ़ (Rediff): hosting.rediff.com
पुग्मर्क्स (Pugmarks): http://www.pugmarks.in/
वेबसाइ बनाना (Website Development)
तकनी विकास से वेबसाइट बनाना अब बहुत सरल हो गया है. सॉफ्टवेर जैसे की द्रेंवेअवर (Dreamweaver) या फ्रंटपेज (Frontpage) के इस्तमाल से आप अपनी पहली वेबसाइट खुद बना सकते है. इन्टरनेट पर इसके बारे में बहुत कुछ दिया गया है जो आपको मदद करेगा.
इस काम के लिए आप किसी कंपनी से भी मदद ले सकते है. भारत में वेबसाइट बनाने वाली बहुत सारी कंपनिया है. मैं आपको सलाह दूँगा कि उस कंपनी को काम दे जो आपके पास मे हो.
वेबसाइट का प्रचार (Website Promotion)
आपकी वेबसाइट बनाने की मेहनत और पैसा तभी सफल होगी जब उसको लोग देखंगे. वेबसाइट का प्रचार करने के दो मुख्य प्रकार है – इन्टरनेट के द्वारा (online) तथा पारंपरिक तरीकों से (offline)
इन्टरनेट के द्वारा वेबसाइट का प्रचार (Online Website Promotion)
इन्टरनेट पर सर्च इंजन (जैसे की गूगल, बिंग, याहू) प्रचार का सबसे बड़े माध्यम है. ८०% लोग अपने उपयोग की वेबसाइट सर्च इंजन के द्वारा ढूढते है. वैसे तो आज कल सर्च एनगिने इतने बुद्धिमान हो गए है की वो आपकी वेबसाइट को स्वयं ही तलाश कर लेंगे पर इसमें समय लग सकता है. इसलिए ये ठीक रहगा की आप अपनी वेबसाइट को खुद ही पंजीकृत कर दे. सभी मुख्य सर्च इंजन का पंजीकरन पाना होता है.
गूगल: https://www.google.com/webmasters/tools/home?hl=en
याहू: http://siteexplorer.search.yahoo.com/
बिंग: http://www.bing.com/toolbox/webmasters/
ये दर्ज कराना मुफ्त में होता है.
आप अपनी वेबसाइट की जानकारी फोरम, ऑरकुट, फेसबूक, ट्विट्टर, ऑरकुट इत्यादी में भी दे सकते है.
पारंपरिक तरीको के द्वारा वेबसाइट का प्रचार (Promote Website Offline)
परचार का मकसद यही है की आपकी वेबसाइट की जानकारी अःधिक से अधिक लोगो तक पहुचे, इसलिय जहाँ भी हो सके अपनी वेबसाइट का नाम लीखे, जैसे की - नाम-पत्रक, विवरण पुस्तिका, पुस्तिका, पत्र, विज्ञापन, पोस्टर इत्यादि
वेबसाइट के दर्शको की जानकारी
वेबसाइट में आने वाले दर्शको की जानकारी रखना बहुत जरुरी है. इसके लिए बहुत सारी प्रणाली मोजुद है. गूगल का एनालिटिसच्स (Google Analytics) इनमे से एक है और बहुत आधुनिक और उपयोगी है. ये सुविधा पूरी तरह से मुफत है. इसके द्वारा आप अपनी वेबसाइट में आने वाले दर्शको की संख्या, रहने का स्थान (देश, राज्य), आने का माध्यम इत्यादी जान सकते है.
वेबसाइट का रख-रखाव (Website Maintenance)
ये जरुरी है की आपकी वेबसाइट में नवीनतम और सही अंतर्वस्तु अंश हो. गलत, अधूरे या पुराना अंतर्वस्तु अंश आपकी या आपकी संस्था की साख को भी खराब करता है. ये धयान रखे की वेबसाइट पर कोई लिंक (link) टुटा हुआ ना हो.
अपना दर्शको की प्रवृत्ति को लगातार देखे तथा उसके अनुसार अपनी वेबसाइट में परिवर्तन करे
अपने वेबसाइट की टैक्नोलोजी को भी बदलते रहे और नए तकनीको को अपनी वेबसाइट में डालते रहे.
मैं उमीद करता हू कि या ये लेख आपको वेबसाइट बनने में कुछ मददगार होगा. आप निसंकोच अपने सवाल मुझे whatsapp करे:-
+91 8059795763
+91 8059795763
SEO SERVICE IN DELHI-what is the point in getting a website designed without promoting it properly, your potential customers should know about your online existence first to reach you. So stop your aimless search and simply approach our company. We treat you the way you deserve and provide you the best Seo Service In Delhi
ReplyDeleteThanks for Sharing Information.
ReplyDeleteCall Us - 1800-123-9566, Our well-known online website promotion company is always here to serve you. Get the best use of your website by the online website promotion strategies we offer. Our company also provides excellent SEO Services for your website.